tag:blogger.com,1999:blog-1031779511720763402.post4441426413920040777..comments2024-02-19T13:48:23.266+05:30Comments on अगड़म बगड़म स्वाहा....: डीज़ल-पेट्रोलदेवांशु निगमhttp://www.blogger.com/profile/16694228440801501650noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-1031779511720763402.post-26068425094273167542013-07-18T21:01:03.336+05:302013-07-18T21:01:03.336+05:30Tumhare blog par serious baatein agdam bagdam haiTumhare blog par serious baatein agdam bagdam haisonalhttps://www.blogger.com/profile/03825288197884855464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1031779511720763402.post-88613489332851129382013-07-18T07:59:14.918+05:302013-07-18T07:59:14.918+05:30अच्छा परसेंटियाये हैं। अच्छा परसेंटियाये हैं। अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1031779511720763402.post-71061775271639074742013-07-17T23:59:47.972+05:302013-07-17T23:59:47.972+05:30गड़बड़ ऐसे हुई है ...
केस १ : अगर गन्ने का समर्थन म...गड़बड़ ऐसे हुई है ...<br /><br />केस १ : अगर गन्ने का समर्थन मूल्य १७० से बढ़कर ३४० कर दिया जाए और चीनी की कीमत ३८०० से बढ़कर ५००० तक पहुंचे , मतलब १०० प्रतिशत गन्ने का मूल्य बढ़ने के बाद शक्कर के दाम करीबन ३१% बढ़ जाएँ |<br /><br />केस २ : अगर गन्ने का समर्थन मूल्य १७० से बढ़कर २५५ पहुंचे और चीनी की कीमत ४७५० जा पहुंचे , मतलब ५०% समर्थन मूल्य के सामने करीब २५% चीनी की कीमत का बढ़ जाना |<br /><br />यही गड़बड़ है कच्चे माल को खरीदने की लागत जिस दर से बढ़ रही है उससे कहीं ज्यादा दर से आप उसका फिनिश्ड प्रोडक्ट का सेलिंग प्राइस बढ़ा रहे हो | मतलब की सरकार "ज्यादा" मुनाफाखोर हो गयी है | ( अगेन , मैं इस सरकार की बुराई कर रहा हूँ इसका मतलब ये नहीं की पिछली सरकार की तरफदारी कर रहा हूँ ) |देवांशु निगमhttps://www.blogger.com/profile/16694228440801501650noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1031779511720763402.post-29078042200380815372013-07-17T22:23:26.470+05:302013-07-17T22:23:26.470+05:30गड़बड़ कहाँ?
अगर कच्चे तेल की कीमतों के चश्मे से फि...गड़बड़ कहाँ?<br /><br />अगर कच्चे तेल की कीमतों के चश्मे से फिनिश्ड प्रोडक्ट की कीमत देखने लगें मुश्किल नहीं होगी ?<br /><br />आज अगर गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य 170 रूपए/ क्विंटल है तो चीनी की कीमत 3800 रूपए/ क्विंटल है <br />अगर गेंहू का न्यूनतम समर्थन मूल्य 13.50 रूपए/ किलो है तो पैकेज्ड आटा 30 रूपए/ किलो मिलता है <br /><br />ऐसे ही अगर आज 108 डॉलर है एक बैरल के तो यह हुए 6400 रूपए 120 लीटर के, मतलब 53 रूपये/ लीटर<br /> <br />लेकिन बाज़ार में पेट्रोल है 70 से ऊपर<br />और ऐसा हर सरकार के समय होता है <br />फिर गड़बड़ कहाँ?BS Pablahttps://www.blogger.com/profile/06546381666745324207noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1031779511720763402.post-31723515670267511102013-07-17T20:34:30.805+05:302013-07-17T20:34:30.805+05:30आपकी अर्थशास्त्र की रूचि प्रभावित करती है आपकी अर्थशास्त्र की रूचि प्रभावित करती है Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1031779511720763402.post-82378663970990613752013-07-17T15:08:27.162+05:302013-07-17T15:08:27.162+05:30आँकड़ों को पूर्णता में देखना आवश्यक है, नहीं तो तु...आँकड़ों को पूर्णता में देखना आवश्यक है, नहीं तो तुलना बेमानी लगती है। सुगठित तथ्य।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1031779511720763402.post-29473278593691497032013-07-17T12:43:01.949+05:302013-07-17T12:43:01.949+05:30चलो तुम्हारी स्टडी भी हमने वहां पहुंचा दी है..चलो तुम्हारी स्टडी भी हमने वहां पहुंचा दी है..Shekhar Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02651758973102120332noreply@blogger.com