ठीक उस रोज़,
जब सुबह-सुबह, सूरज चादर तान सो जायेगा ,
चाँद जम्हाई लेकर उठ खड़ा होगा |
जब चिड़ियों के नवजात वापस अण्डों में कैद हो जायेंगे,
पानी बाल्टी से नल में वापस चला जायेगा ,
जब गिरा हुआ सेब फिर पेड़ में लग जायेगा,
नदियाँ पहाड़ पर वापस बहने लगेंगी,
शेर उलटे पैर भाग रहा होगा,
उसको दौड़ा होगा एक हिरन वो भी उलटे पाँव,
जब छत पर लटका पंखा रुका रहेगा, पूरा कमरा घूम रहा होगा,
खबरें छप पहले जायेंगी, घटेंगी बाद में ,
संगीत वापस गिटार में समा रहा होगा,
मलेरिया होगा मच्छर के काटने से पहले |
और इस पोस्ट पर कमेन्ट पहले आ जायेंगे और ये पोस्ट मैं बाद में करूंगा |
बस ठीक उसी रोज़ , हम दोनों अपने अपने जाम से ,
पानी से शराब अलग कर बोतल में वापस डाल,
गटक जायेंगे पूरी बोतल,
बॉटम्स अप !!!
#यारों मुझे मुआफ रखो, मैं नशे में हूँ !!!
--देवांशु
Nice post.....
जवाब देंहटाएंMere blog pr aapka swagat hai
नशा जब उतर जाये तो पोस्ट लिखना। कमेंट हमने कर दिया -पहले ही।
जवाब देंहटाएंNashe me ho???
जवाब देंहटाएंBhagwaan ne chaha to tumhare "sachche dost" is post pe aise aise comment karenge ki saara nasha hawa ho jayega :P
hum wapas aayenge dekhne.. wo din kaisa hoga :)
...जब आदमी नहीं होगा :)
जवाब देंहटाएंहै है ये मैं अपने किसी साईंस फिक्शन प्लाट के लिए उड़ा रहा हूँ ड्यूड :-)
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जवाब देंहटाएंदिनांक03/03/2013 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .
धन्यवाद!
बड़े दिन से सन्नाटा था ... पर बढ़िया मौन टूटा है रिवर्स गियर में
जवाब देंहटाएंक्या रिवर्स गेयर लगया है. चलो अब नशा उतरने पर फॉरवर्ड भी लगाना :).
जवाब देंहटाएं.....(: iah ayik dniwer tsam
जवाब देंहटाएंवाह, क्या बात है.
जवाब देंहटाएंक़यामत का दिन होगा उस दिन :) सुन्दर रचना.
जवाब देंहटाएंBahut badhiya...
जवाब देंहटाएंWaakyi aisa din aayega !
alag hi roop-dhun liye rachna
जवाब देंहटाएंshubhkamnayen
वाह! इंतज़ार उस दिन का...
जवाब देंहटाएंमालिक...हमने तो अर्चना बुआ का पॉडकास्ट पहले सुना और ये पोस्ट अभी देख रहे हैं...खतरनाक आदमी हैं आप तो महराज! :)
जवाब देंहटाएंक्या बात क्या बात क्या बात ...
जवाब देंहटाएंसभी कुछ मत उलट देकना भाई ...