मंगलवार, 1 अक्तूबर 2013

ट्युज॒डेज विध मोरी : ए बुक टू चेरिश !!!


“Have I ever told you about the tension of opposite” he says.
The tension of opposite ?
“life is a series of pulls back and forth. You want to do one thing, but you are bound to do something else. Something hurts you, yet you know it shouldn’t. You take certain thing for granted, even when you know you should never take anything for granted.
“A tension of opposite like a pull on a rubber band. And most of us lives somewhere in the middle.”
Sounds like a wrestling match, I say.
“A wrestling match” He laughs. “Yes, you could describe life that way.”
So which side wins, I ask?
“Which side wins?”
He smiles at me, the crinkled eyes, the crooked teeth.
“Love wins, Love always wins.”

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हम सब जानते हैं कि हमें एक दिन मरना है पर ज़िंदगी का एक बहुत बड़ा हिस्सा हम हर आने वाले कल के उत्साह में बिताते जाते हैं | फिर जब एक दिन पता चलता है कि अब बस मौत नज़दीक है , ज्यादातर लोग उदास हो जाते हैं , रिग्रेट करते हैं | जिस दिन कल का उत्साह खत्म हो जाता है, हम मौत की तरफ बढ़ते नहीं, क्राल करते हैं |
पर “प्रोफ़ेसर मोरी" ऐसा नहीं था | एक भयंकर बीमारी के बाद जब उसे पता चलता है कि ज़िंदगी बस खत्म होने वाली है , वो दुगुना जीने लगता है | लोगों से मिलने लगता है, टीवी पर उसके शो आने लगते हैं , वो अपने जिंदगी जीने के जज्बे के चलते लोगों के बीच में एक अलग जगह बना लेता है |
There are some mornings when I cry and cry and  mourn for myself. Some mornings, I’m so angry and bitter. But it doesn't last too long, Then I get up and say ‘I want to live…’
उसी के बाद उसका एक पुराना स्टूडेंट, मिच एल्बम , किताब का लेखक, उससे मिलने आता है | मिच , मोरी का फेवरेट स्टूडेंट रहा था |  वो उसे अपने बचे हुए दिनों में मिलते रहने के लिए कहता है | उसे ज़िंदगी का अपना नजरिया बताता है | इत्तेफाकन वो हर ट्युज॒डेज को मिलते हैं , ऐसा वो कॉलेज में भी करते थे | उसी नजरिया को मिच डोक्युमेंट करता है |
और बस यही है, ट्युज॒डेज विध मोरी…
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किताब में ऐसा कुछ नहीं है जिसके बारे में आपने देखा, सुना या समझा ना हो | पर हर ऐसी चीज़ जिससे हम वाकिफ होते हैं, उसके बारे में हम वही नजरिया अपनाते हैं जो हमको सूट करता है | शायद यहीं आकर ये किताब नया पहलू देती है हर उस बात को | आपको हर पन्ने पर सोचने पर मजबूर करती है | दुखी नहीं करती | कभी कभी आपको जिंदगी के ऐसे पन्नों के बारे में सोचने को मजबूर करती है , जिसको हम अक्सर या तो भूल चुके होते हैं या जान बूझकर अनजान बने रह जाते हैं | किताब आपको पास्ट को भूलने को नहीं कहती :
Accept the past as past, without denying it or discarding it
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मोरी और मिच , जिंदगी के बहुत से पहलुओं पर बात करते हैं  जैसे डेथ, रिग्रेट, फैमिली, लव, इमोशन, एजिंग, मनी,  मैरिज , कल्चर आदि | सबके बारे में उस सख्श के बयान जिसके सर पर मौत खड़ी है , पर उसने मौत के सामने हार नहीं मानी |
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बाकी इससे ज्यादा और कुछ नहीं लिखा जा सकता इस किताब के बारे में मेरे हिसाब से | बाकी आप खुद पढ़िए और समझिए | शायद कोई नया नजरिया आपका इंतज़ार कर रहा हो |
Love is the only rational act

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--देवांशु
(शुक्रिया अनु जी का जिन्होंने  इस किताब को रेकमेंड किया)

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