रविवार, 20 अक्तूबर 2013

एक सपने का लोचा लफड़ा…

आजकल माहौल बना हुआ है | एक बाबा जी ने सपना देखा है कि टनों सोना एक महल के नीचे दबा हुआ है |और जिसका सोना है उसने सपने में आकार कहा है कि निकाल लो सारा सोना और देश की अर्थव्यवस्था को बचा लेओ |

बाबा के पक्के भक्त जो हैं वो सरकार में मंत्री हैं | वो अर्जी लेकर बड़े बड़े लोगो के पास गये | और पी डब्लू डी और दूरसंचार विभाग से खुदाई करने के मामले में बाप साबित हुए एएसआई को खुदाई करने का जिम्मा सौंप दिया गया |

३ दिन पहले खुदाई शुरू भई | अभी तक रत्ती भर सोना नहीं मिला है | पर उम्मीद का जो दिया होता है, वो लगातार जले जा रहा है , उसका तेल खतम नहीं हो रहा | और जल्दी और गहरा गड्ढा खोदने की कवायद जारी है |

बाबा के भक्तों और सरकार ने पिछले कुछ दिनों से छाये निराशावादी काले बादलों को छांटते हुए आशावादी होने की जो मिसाल गढ़ दी है, उससे पूरे देश के हौंसले बुलंद हैं |  इसी घनघोर आशावाद के चक्कर में कल धोनी ने इशांत बाबू से गेंदबाजी करा दी | हार गए पर कोई बात नहीं , जीत भी जायेंगे | जैसे सोना अभी तक नहीं मिला , आगे मिल भी सकता है |

पर सोने को निकालने के चक्कर में बहुत मेहनत लग रही है | सरकार के लोग तो लगे ही हैं | मीडिया वाले भी पल पल की खबरें दे रहे हैं | सारे चैनलों ने अपने सिपेसलार भेज रखे हैं कि जाओ देखे रहो - ब्रेकिंग न्यूज़ सबसे पहले हमें ही देनी है |  पर जिस तरह से अभी कुछ हाथ लगा नहीं है उससे तो यही दुआ निकलती हैं कि “भगवान् जी खुदाई में इतना सोना ज़रूर निकाल देना की खोदने गए लोगो के चाय-पानी का जुगाड़ हो जाए !!!!”

पर ऊपर वाला पता नहीं क्या लिखे बैठा है ये तो उसके ऊपर वाला ही बता सकता है , पर फिलहाल खुदाई का काम चल रहा है , जोर-शोर से |

बाबा जी, जिनको सपना आया , उनका कहना है कि अगर इतना सोना निकल आये तो देश में विकास की नदी बहा देंगे | जनता विकास की बाढ़ में बह जायेगी | पूरे देश की मौज हो जायेगी  | और इतना सोना खर्च होने में भी मात्र कुछ घंटे ही लगेंगे , पर विकास फुल-फुल हो जायेगा |

बाबा जी के अलावा आजकल दो लोगो की और चर्चा है , एक हैं राहुल गाँधी और एक हैं नरेन्द्र मोदी | दोनों को भावी प्रधानमंत्री बताया जा रहा है | दोनों के धुआंधार समर्थक हैं | और उन सबकी माने तो अगले चुनाव के बाद इस देश में दो प्रधानमंत्री होंगे | एक लच्छे दार बातें करते हैं , एक बातों में गच्चा खा जाते हैं , पिछले दिनों वैज्ञानिक बने घूम रहे थे | पर दोनों के जो समर्थक हैं मानने को तैयार ही नहीं हैं | सोचो अगर बाबा जी को सपने में सोने की बजाय राहुल गांधी प्रधानमंत्री बने दिख जाते और वो ये सपना वो सबको बता देते तो ??? मोदी वाले भड़क जाते , धर्म के तो वो सब वैसे ही ठेकेदार हैं | बाबा को बे-धरम कर दिया जाता | राहुल वाले बाबा की जय-जयकार कर देते |मजा तब भी आता अगर बाबा को सपने में मोदी प्रधानमंत्री बनते दिख जाते | सरकार खुदाई की टीम भेजती बाबा की कुटिया उखाड़ फेंकने के लिए |  और मोदी वाले तो आश्रम बना डालते बाबा का, सुबह शाम जय बाबा , जय बाबा होता |

पर इस सबके बीच बाबा और सरकार की बड़ी छीछालेदर हो गयी | जनता ने मजे ले लिए | कि बाबा पूरे देश से मौज ले रहे हैं और सरकार भी पगला गयी है | सरकार ने तो पल्ला झाड़ लिया ये कहके कि बकायदा रिपोर्ट ली गयी है कि वहाँ कोई मेटल है जो लोहे के अलावा कुछ और है तभी खुदाई हो रही है , भले चाहे बाद में ताम्बे के बर्तन निकालें | पर बाबा जी और उनके चेले नहीं मान रहे | वो कह रहे हैं पक्का , २४ कैरेट सोना निकलेगा वो भी १००० टन |  लोगो का तो ये भी कहना है कि बाबा अपनी पब्लिसिटी के लिए ऐसा कर रहे हैं | पर हमें ऐसा नहीं लगता | पब्लिसिटी करनी होती तो बाबा किलो दो किलो की बात करते और खुद से रखवा के खुदाई करवा के निकलवा देते , वाह वाही हो जाती | १००० टन बड़ी बात है | बाबा ये रिस्क नहीं लेंगे |

आश्चर्य इस बात पर भी है कि अमरीका से इस बारे में कोई खबर नहीं आयी | हो सकता है कि वो लोग इस बार दूसरी स्ट्रेटेजी लगा रहे हों | दूसरी तरफ से जल्दी जल्दी खोदें और हमसे पहले सोने तक पहुँच जाएँ | दुनिया गोल जो ठहरी | सरकार को खुदाई तेज़ी से करवानी होगी , ढिलाई से काम नहीं चलेगा |  हो सकता है खोदते खोदते दोनों तरफ के मजदूर पृथ्वी के गर्भ में कहीं मिल जाएँ तो चाय पानी का जुगाड़ भी रखना चाहिए , दोनों एक दूसरे के मेहमान होंगे |

एक पुरानी कहावत है कि गाँव बसा नहीं लुटेरे आ गए | इसी कहावत के चलते के लोगो ने सोने पर मालिकाना हक जाता दिया है | राजा के सारे नाती-पोते निकल आये हैं | सब दावा कर रहे हैं | गाँव की बाकी जनता भी अपना हिस्सा मांग रही है | अगर सोना मिल गया तो बाँटने की कार्यवाही भी मौजदार रहेगी | न्यूज़ चैनलों को तैयार रहना चाहिए |

पर अगर सोना नहीं मिला तो ? सबकी बड़ी किरकिरी हो जायेगी | सरकार तो जांच आयोग बना के निकल लेगी | बाबा को जवाब देना पड़ेगा | वैसे एक आईडिया है , बाबा कह दें कि मिट्टी भी तो सोना है , टनों निकली है ले जाओ सब लोग थोड़ी थोड़ी | बाकी विधि विधान वाला फोर्मुला तो है ही , कुछ लफड़ा लोचा हो गया टाइप | या ये बता दें कि एक और सपना आया और जिस तरह से देह के लोगो ने बाबा का मजाक बनाया है उससे राजा क्रोधित हो गए और अपना सोना किसी और महल में शिफ्ट कर दिया है | सिर्फ बाबा को ही इसका पता है | और बाबा का मूड नहीं है बताने का | या थोड़ा फुटेज लेकर बताएँगे |

और खुदाई करते करते मान लो एक नया शहर मिल गया | सैकड़ों - हजारों साल पुराना शहर | शायद किसी उल्का पिंड या ज्वालामुखी के गिरने से नष्ट हुआ था | जो जहाँ जिस हालत में था वैसे ही खत्म हो गया | रह गयीं तो सिर्फ लाशें | सोती हुई लाशें | हजारों टन लाशें | यही हो हजारों टन "सोने" का राज़ | ये भी हो सकता है |

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ये जो राजा थे इनकी सल्तनत बहुत बड़ी नहीं थी इसलिए इतना सोना होना लोजिकल तो नहीं लगता | पर हो सकता है राजा की रानी किसी बड़े देश कि हों दहेज में मिला हो | दहेज की चीज़ों को सरकार और इनकम टैक्स वालों की नज़रों से बचाकर पूरे जग में शान से दिखाने की कला में तो हम हिन्दुस्तानी पुराने एक्सपर्ट हैं | क्या पता ये माजरा हो |

पर चाहे कुछ भी हो , १००० टन सोने को छुपाने के लिए जितना बड़ा गड्ढा खोदना पड़ा होगा वो भी जब अँगरेज़ सेना ने आक्रमण कर रखा था, बड़े माद्दे की बात है | वो भी तब जब औजार भी फावड़ा कुदाल रहे होंगे | १००० टन सोना मिलने पर उन खोदने वालों के घर वालों को ढूंढ कर मोटा इनाम दिया जाना चाहिए |

अब सोना मिलता है या नहीं ये तो वक्त बताएगा | फिलहाल माहौल बना हुआ है | दावों और मौज के दौर चल रहे हैं | मजा आ रहा | आप भी मजे लेते रहिये | हम भी चलते हैं , रात के खाने का प्रबंध करने में माता श्री की सहयता करने की कोशिश की जाए | फिर रात होने वाली है, फिर कोई सपना देखेगा, फिर बवाल कटेगा | हम आपसे फिर मिलेंगे |

तब तक के लिए सोना मत, सोने पर नज़र रखना |

-- देवांशु

P.S. : पिछले दिनों हमारा जन्मदिन बीता |  बी टेक के पासिंग मार्क्स बोले तो ३० नंबर ( साल ) जुगाड़ लिए |  मजा आया |  आप सब की “हैप्पी-बड्डे-टू-यू" ने माहौल बना दिया | आप सबका खूब सारा थैंक यू |

13 टिप्‍पणियां:

  1. हमें भी सोने का इंतजार है। बाबाजी की जय हो। इसई बहाने ये पोस्ट निकल आयी।

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  2. कसम से कहे तो ये पूरा प्रसंग देखकर हमें 'पीपली लाइव' याद आ गयी... देखिये भाई... यहाँ नत्था जिंदा रहता है या नहीं... फ़िलहाल कुछ तो हुआ... देश में खुदा न सही खुदाई सही :)

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  3. अभी अभी सो कर उठे हैं. ऑफिस जाना है नहीं तो फिर सोने का मन कर रहा है.

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  4. निकला क्या ??? अब तक तो सब खुदाई वाले सोना न मिलने पर सोने चले गए होंगे :). और बाबा जी दूसरा सपना देखने की तैयारी में होंगे.

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  5. hehe.. hum sada sone ko mare rehte hain aur yahaan sone k chakkar me sona tyaag k log jaage baithe hain..
    sahi hai jab sab bakwaas kar rahe hain to tum kaahe reh jaoge.. tumhara to copyryt type hai bakwaas pe..

    badhiya h!! :)

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  6. मिल जाये तो मिट्टी है..................खो जाये तो,

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  7. मिटटी भी सोना है वाला आईडिया सही है :)

    जन्मदिन मुबारक ... पते नहीं चला पहले .. बताना था न :P

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    1. बाबा.. आप फेसबुक पर जमाने से नहीं आये.. आते-जाते रहते तो पता चलता रहता. ;-)

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    2. अरे कोई नहीं मालिक, बड्डे तो साल भर चलता ही रहता है :) :)

      वैसे फेसबुक से काहे नदारद हैं , कोई विशेष कारन बाबा ??? या आपौ कोई सपना देख रहे हैं , कहीं चढ़ाई ( बरात लेकर जाना भी चढ़ाई का काम ही है ना, ये देश है वीर जवानों का इसैई लिए तो बजता है ) करना हो तो बताना :) :) का कहते हो पीडी ???

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    3. एकदम्मे ठीक कहते हो

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  8. सुंदर प्रस्तुति.
    मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है.
    http://iwillrocknow.blogspot.in/

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  9. हाय धनतेरस भी गयी और सोना न निकला :-(

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