नदी बड़ी शांत है…बहुत धीमे धीमे बह रही है…शाम हो रही है…चाँद खिलने को तैयार है…नदी के किनारे पड़े पत्थरों पर बैठ अपने पैरों को डाले हुए एक लड़का और लड़की बैठे हुए हैं..लड़का नदी को घूर रहा है और लडकी उसके कंधे पे सर रखे हुए आस पास के कंकडों को नदी में डालती जा रही है….कहीं दूर माउथ ओरगन पे कोई कुछ बजा रहा है…धुन में रस भी श्रंगार है…संयोग श्रंगार…
“कितना अच्छा बीत रहा था ना सब कुछ" लडकी ने कहा…
“हाँ" एक लंबी सांस भरते हुए लडके ने जवाब दिया…
अचानक लडकी ने अपना सर कंधे से हटाया और उसकी ओर देखने लगी….लडके ने भी उसे देखा…
“अब जब सब सही होने लगा था…तब ये क्यूँ हुआ?” वो बोली…
“पता नहीं”…वैसे का वैसा ही जवाब…
“लव आज कल देखी थी ना? ये लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप नहीं चल पाती" वो और सीरिअस होते हुए बोली…
“पता है..पर क्या किया जा सकता है"
फिर वही सन्नाटा छा गया…माउथ ओरगन की आवाज़ में थोड़ा दर्द आने लगा है…
“जब तुम जागोगे तो मै सोने कि कोशिश कर रही होउंगी…और जब मै जगूंगी तब तुम नहीं सो पाओगे?” उसने कुछ सोचते हुए बोला…
“और फिर जब हमने कल ही डिसाइड किया कि घर वालों को बता देंगे तो तुम्हे आज ही बाहर जाने का ऑफर मिल गया" वो बोलती गयी….
“तो बता देते हैं…फिर मैं निकल जाऊंगा"
“तुम्हे क्या लगता है बस केवल बताना ही है क्या? मै तुमसे अलग अब नहीं रह सकती" उसका चेहरा उतर गया…
“दो जिस्म एक जान टाइप" उसने माहौल को थोड़ा हलका करने कि कोशिश की…
पर कोई जवाब नहीं आया…तो बोला…
“ठीक है मै थोड़ा डिले करावा लेता हूँ…ठीक है???” एक बार फिर सन्नाटा…
“नहीं मेरे को लगता है तुम्हे जाना चाहिए….आई विल मैनेज”
“आर यू श्योर"
“हम्म"..इस बार आंसूं नहीं रुके…
लडके ने उसे प्यार से बाँहों में भर लिया….
“एक साल ..बस एक साल…फिर हम तुम एक साथ…”
लडकी ने भी सर हिला कर हामी भरी….दोनों एक दूसरे के हाथों में हाँथ डालकर चल दिए….माउथ ओरगन अभी भी बजता रहा…संगीत में आवाज़ कम थी दर्द ज्यादा था…
“कितना अच्छा बीत रहा था ना सब कुछ" लडकी ने कहा…
“हाँ" एक लंबी सांस भरते हुए लडके ने जवाब दिया…
अचानक लडकी ने अपना सर कंधे से हटाया और उसकी ओर देखने लगी….लडके ने भी उसे देखा…
“अब जब सब सही होने लगा था…तब ये क्यूँ हुआ?” वो बोली…
“पता नहीं”…वैसे का वैसा ही जवाब…
“लव आज कल देखी थी ना? ये लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप नहीं चल पाती" वो और सीरिअस होते हुए बोली…
“पता है..पर क्या किया जा सकता है"
फिर वही सन्नाटा छा गया…माउथ ओरगन की आवाज़ में थोड़ा दर्द आने लगा है…
“जब तुम जागोगे तो मै सोने कि कोशिश कर रही होउंगी…और जब मै जगूंगी तब तुम नहीं सो पाओगे?” उसने कुछ सोचते हुए बोला…
“और फिर जब हमने कल ही डिसाइड किया कि घर वालों को बता देंगे तो तुम्हे आज ही बाहर जाने का ऑफर मिल गया" वो बोलती गयी….
“तो बता देते हैं…फिर मैं निकल जाऊंगा"
“तुम्हे क्या लगता है बस केवल बताना ही है क्या? मै तुमसे अलग अब नहीं रह सकती" उसका चेहरा उतर गया…
“दो जिस्म एक जान टाइप" उसने माहौल को थोड़ा हलका करने कि कोशिश की…
पर कोई जवाब नहीं आया…तो बोला…
“ठीक है मै थोड़ा डिले करावा लेता हूँ…ठीक है???” एक बार फिर सन्नाटा…
“नहीं मेरे को लगता है तुम्हे जाना चाहिए….आई विल मैनेज”
“आर यू श्योर"
“हम्म"..इस बार आंसूं नहीं रुके…
लडके ने उसे प्यार से बाँहों में भर लिया….
“एक साल ..बस एक साल…फिर हम तुम एक साथ…”
लडकी ने भी सर हिला कर हामी भरी….दोनों एक दूसरे के हाथों में हाँथ डालकर चल दिए….माउथ ओरगन अभी भी बजता रहा…संगीत में आवाज़ कम थी दर्द ज्यादा था…
--देवांशु