मैं : जी बस बढ़िया, आप सुनाएँ |
पंपोल : बस सब प्रभु की किरपा है , कहो कैसे आना हुआ |
मैं : पांडी जी , बस अभी बाहर सुना की आपने भारत के ४-० से जीतने की भविष्यवाणी की थी, तो सोचा जरा आपसे थोड़ा बातचीत कर ली जाए |
पंपोल : अच्छा किया बालक, बड़ा अच्छा लगता है जब तुम्हारे जैसे युवा, हमारे ज्ञान की कद्र करते हो | वर्ना ज्यादातर तो मजाक उड़ाते हैं | अरे भाई सदियों से चला आ रहा है ये सब , कोई समझता ही नहीं | खैर ये सब किनारे धरो , तुम बताओ का पूछना चाहते हो |
मैं : पहला सवाल तो यही की आपकी भविष्यवाणी के बारे में सीरीज ख़त्म होने के बाद ही पता चला , पहले कुछ सुना नहीं ऐसा ?
पंपोल : भाई ये भी एक तरीका है लड़कों ( क्रिकेट खिलाडियों) से प्रदर्शन कराने का | पहले बोल देते तो लड़के कुछ करते नहीं | लेजी हो जाते | सो हमने कहा बाद में बताएँगे |
मैं : अच्छा , मतलब आपने ऐसा जान-बूझकर किया ?
पंपोल : हाँ , बचपन से ही हम ब्लैकबोर्ड पर चाक फेंकते और जहाँ पर निशान बन जाता उसके चारों ओर गोला खींच देते हैं | जनता को लगता है की हमने गोला बाद में बनाया पर असल बात तो ये है की हम निशाना वहीं मरना चाहते थे | ये गूढ़ बातें हैं , मूढ़ जनता क्या जाने |
मैं : वो तो है पांडी जी | धोनी के बारे में बताएं कुछ , क्या राज़ है उनकी सफलता का ?
पंपोल : देखो बालक , इन्सान दो तरह से जीतता है , एक जब उसकी कुण्डली में जीत का योग हो , दूसरा विरोधी की कुंडली में हार का |
मैं : पर वो तो पिछले कई साल से जीत रहे हैं , तो क्या ..
पंपोल ( बीच में बात काटते हुए ) : सबकी साढ़े-साती चल रही है , धोनी के अलावा |
मैं : पर ऑस्ट्रेलिया में तो हम ०-४ से हारे थे |
पंपोल : भैया मेरे , ऑस्ट्रेलिया में सब उल्टा है , जब अपने यहाँ कटकटाऊ ठण्ड पड़ती है तो वहां गरमी , इसीलिए वहां सब उल्टा हो जाता है |
मैं : पर हम तो इंग्लैंड में भी हारे , वहां तो सब ठीक रहता है |
पंपोल ( चेहरा लाल करते हुए ) : यही तो तुम लोगो की बात समझ नहीं आती, बहुत जबान लड़ाते हो | बस केवल मजाक बनाना है हमारी विद्या का |
मैं : अरे शांत हो जाइए पांडी जी , ये बताइये क्या धोनी की कप्तानी में अगला विश्वकप हम जीतेंगे ?
पंपोल : ये हम विश्वकप के बाद बताएँगे |
मैं : अरे क्यूँ ?
पंपोल : बोला ना, परफोर्मेंस पर असर पड़ता है , समझते नहीं हो यार तुम |
मैं : पांडी जी , आप तो भड़क गए | अच्छा सर जडेजा के परफोर्मेंस के बारे में भी सुना आपने भविष्यवाणी की थी | उसका क्या राज है |
पंपोल : दरसल उसकी कुण्डली के किसी भी घर में कोई गृह नहीं है , इसलिए उसके बारे में समझ पाना बहुत मुश्किल है और यही उसकी सफलता का राज़ है | वो इसीलिए सफल है की उसके बारे में कोई कुछ समझ नहीं पाता |
मैं : ह्म्म्म, अच्छा सचिन के बारे में बताइए , उन्हें कब तक खेलना चाहिए |
पंपोल : उसकी कुण्डली में सारे योग हैं, पर रिटायर्मेंट का योग नहीं है |
मैं : पर फिर भी , कभी तो रिटायरमेंट लेना होगा |
पंपोल : मुझे पता तो है की वो कब लेंगे रिटायरमेंट, पर मेरे बयान से उनके आखिरी मैच में सिक्यूरिटी की समस्या खड़ी हो जायेगी , इसलिए सरकार ने हमें चुप रहने के लिए बोला है |
मैं : तो आप सरकार में भी दखल रखते हैं?
पंपोल : और नहीं तो क्या, हमारी सलाह के बिना तो नेता लोग सदन में नहीं जाते, प्रधानमंत्री भी !!
मैं : हमें नहीं लगता ऐसे पढ़े लिखे प्रधानमंत्री ऐसी बातें मानते होंगे |
पंपोल : अरे भूल गए , उन्ही ने तो कहा था की उनकी मौत के लिए विपक्ष ने यज्ञ कराया था | ये इन्फोर्मेशन भी हम ही ने दी थी |
मैं : आप तो काफी पावरफुल आदमी लगते हैं | आप सबका भविष्य जानते हैं | तो अपना भी जानते होंगे ?
पंपोल : हाँ बिलकुल |
मैं : तब तो आप बीमार भी नहीं पड़ते होंगे |
पंपोल ( मुस्कियाते हुए) : मालूम था की तुम्हारे मन में ये शंका आएगी | देखो बालक , राम , कृष्ण ये सब भगवान् के अवतार थे पर इन्होने कभी किसी को आइडिया नहीं लगने दिया के आगे क्या होने वाला है | इसैई लिए हम भी सब नार्मल चलने देते हैं |
मैं : तो बीमार पड़ते हैं लेकिन आप इलाज भी नहीं करवाते होंगे ? आपको तो पता ही होगा की आप ठीक हो जायेंगे ?
पंपोल : नहीं , कराते हैं | डाक्टर लोग दवाई देते हैं | लोग सब दवाई की एक्सपायरी देखते हैं , हम मैनूफैक्चरिंग डेट देखकर उसकी कुण्डली बनाते हैं और फिर देखते हैं की हमें फायदा करेगी या नहीं |
मैं : तो आप बिना एक्सपायरी देखे दवाई खाते हैं ?
पंपोल : यहीं तो हमारी विद्या और तुम्हारे विज्ञान में अंतर है , हमें अपनी एक्सपायरी डेट पता है |
मैं : धन्य हैं आप तो |
पंपोल : हाँ वो तो हैं |
मैं : एक बार फिर क्रिकेट पर आते हैं , फ्लेचर कब तक रहेंगे अपने कोच ?
पंपोल : कौन ??
मैं : डंकन फ्लेचर |
पंपोल : मैंने उनके बारे में नहीं सुना | इन्फोर्मेशन है कुछ उसके बारे में , जैसे कब और कहाँ पैदा हुए ?
पंपोल : कब से हैं कोच ये ?
मैं : काफी टाइम हो गया , जाने वाले थे , एक्सटेंशन मिल गया |
पंपोल ( कागज पर घूरते हुए ) : जड़ता का योग है | जहाँ जाएगा कुण्डली मार कर बैठ जायेगा , हिलाए ना हिलेगा | पर मुस्कुराते हुए बोले पर जहाँ रहेगा फल अच्छे देगा |
मैं : पर पहले तो ये इंग्लैंड के कोच थे , जब तक रहे बुरी तरह हारी इंग्लैंड |
मैं : मतलब हम साउथ अफ्रीका में जीतेंगे ?
पंपोल ( मुस्कुराते हुए ) : ये तो मैं …
मैं : “साउथ अफ्रीका सीरीज के बाद बताऊंगा” |
पंपोल भड़क गए मेरे ऊपर | बोले की मेरा दिमाग खराब हो गया है | और मैं उनकी विद्या का मजाक उड़ा रहा हूँ | और मेरी जन्मतिथि और जगह मांग बैठे | मैंने भी उनको डाटा दे डाला | फिर उन्होंने कागज़ में कुछ खींचा और बोले :
मैं : अरे पांडी जी, क्या बता रहे हो, मेरा तो कभी कोई लफड़ा नहीं रहा |
पंपोल : अब होगा ना छिछोरे |
मैं समझ गया | मैंने २ पांच सौ के निकाल कर उनके चरण कमलों में रखे | और बोला की फिर से देखें |
पंपोल : जो बात बोली वो तो ठीक है | पर इसमे से जो एक गृह है वो काट कर रहा है , फेमस हो जाओगे , अच्छा है सब |
मैं : अच्छा शादी कब होगी पांडी जी मेरी ?
पंपोल : ये हम ..
मैं : “…तुम्हारी शादी के बाद बताएँगे”
और इससे पहले की वो अपने वज़न के चलते उठकर हमें दौड़ा पाते | हम वहां से खिसक लिए और जाते जाते एक ५०० का पत्ता भी उठा लिए और चिल्लाकर बोले :
“कीप द चेंज प्लीज़”