शुक्रवार, 25 दिसंबर 2015

लाइक - कमेंट - शेयर का घमासान !!!!

ज़माना जब से सोशल मीडिया का हुआ है , वर्चुअल वर्ल्ड पर इंसानी हरकतें एक नए दौर में पहुँच गयी हैं । हस्ती का सबूत आपकी पोस्ट को मिलने वाले कमेंट और उस पर मचने वाली भसड़ से मापा जाने लगा है । आपकी प्रोफाइल पिक पर सैकड़ों लाइक  और दर्ज़नों कमेंट ना आएं तो खुद पर शक हो जाना लाज़मी है । कुछ लोग तो ऐसा ना होने पर हिंदी डेली सोप की तरह अपने चेहरे को प्लास्टिक सर्जरी से दुरुस्त कराने की बात सोचने लगते हैं हांलाकि प्लास्टिक सर्जरी से वाकई शकल क्या इतनी बदल जाती है इसपर दुनिया को रिसर्च करने की ज़रुरत है । 

मेरा एक बचपन  का दोस्त आज से करीब २० साल पहले पासपोर्ट साइज की फोटो बनाने वाले से इसलिए भिड़ गया की उसकी शक्ल ख़राब और टेढ़ी आयी थी । फोटोग्राफर पहले भी उससे भड़का हुआ था क्यूंकि हरबार यही कहकर वो अपनी एक्स्ट्रा फोटो बनवाता था , बोल उठा की जैसी शकल है वैसी आएगी । बन्दे ने ऐसी तोड़फोड़ मचाई की फोटो स्टूडियो हफ्ते भर बंद रहा । 

खैर , वापस आते हैं । सोशल मीडिया के ज़माने में । 

बीते कुछ दिनों में सोशल मीडिया ना केवल बहुत ज़िम्मेदार हुआ है अपितु जनसेवा के कार्यों में किसी भी चुनावी बरसात में जागने वाले नेता रुपी मेढक से भी आगे निकल रहा है । 

जिस तरह कविता के आदिकाल और भक्तिकाल के बीच में एक गहरे असंतोष का पाया जाना हमारे साहित्यिक इतिहासकार बताते हैं , उसी तरह सोशल मीडिया के जागरूक होने के ठीक पहले का काल भी ऐसे ही नैराश्य से भरा पड़ा था । ज़िन्दगी कष्ट में बीत रही थी लोगों की । सोशल मीडिया ने सबसे पहले अच्छी खबरें देने का जिम्मा उठाया । 

किसी देवी , देवता, पशु पक्षियों की फोटो शॉप की गयी फोटो, मंदिर , मस्जिद, गुरूद्वारे, चर्च : कोई भी तस्वीर को शेयर करने से आपको गॉरंटी के साथ आजकल अच्छी खबरें मिलने लगी हैं । "इस देशभक्त " या "इस माँ" को कितने लाइक टाइप की फोटुएं धड़ाधड़ शेयर हो रही हैं । जनता का दिल कितना बड़ा है इसी से समझ आ जाता है जब वो किसी मासूम बच्चे की फोटो शेयर करके बोलते हैं की फेसबुक हर शेयर का कुछ रुपया इसके इलाज़ में खर्च करेगा । और ऐसी फोटो को जिस तरह की ज़बरदस्त कामयाबी मिलती है उससे लगता है की दुनिया में मानवता अभी बाकी है । वैसे जेब से एक फूटी कौड़ी ना खर्च करने की कंडीशन हो तो ज़माना आज भी नहीं बिगड़ा है अदरवाइज़ पूरे एक ज़माने से ज़माना बिगड़ा पड़ा है । ऐसे मासूमों का इलाज़ पता नहीं हो भी पाता है या नहीं , पर कुछ फोटो तो हर दूसरे तीसरे साल वापस शेयर हो जाती हैं । 

एक और ट्रेंड है । फलाना नंबर फोटो पर लिखें और जादू देखें । ये बहुत बढ़िया है । मैंने देखा एक किसी अत्यंत खूबसूरत बाला ,  जिसने आवश्यकता से कुछ ही ज्यादा कपड़े पहने हुए थे , की फोटो पर धधड़ ततड़ कमेंट हो रहे थे । मौजू था कमेंट में ५ लिखें और जादू देखें । कमेंट करने वाले ना जाने कितने युवाजन , जिन्हे ५ तक की गिनती भी सुनाने में १० डस्टर की मार पड़ती थी , इस उम्मीद में की अभी ये फोटो हैरी पॉटर के चलायमान फोटो में परिवर्तित होगी और कुछ ऐसा देखने को मिलेगा जिससे उनके आदि काल से पिपासु नैन तृप्त हो जाएंगे , ५ फिर ५ और उसके बाद एक और ५ लिखे जा रहे थे । कुछ सदाचार का ठेका ले चुके लोग भी थे , उनका मानना था की ५ लिखते ही ये लड़की किसी भरपूर कपड़े पहने हुए  सुन्दर बालिका में तब्दील हो जायेगी , और वो ये कह कह के लोगों को शेयर कर सकेंगे कि देखो ये होती है सुंदरता । और ये भी ठोक देंगे की अगर कपड़े उतारना ही आधुनिकता होती तो "फलाना" आजकल सबसे आधुनिक होते । 

खैर , ५ लिखने वालों को क्या मिलता है वो तो वही जाने । हाँ किसी और फोटो में वे ७ या ९ लिखते फिर दिख जाते हैं । या तो ५ से कुछ हुआ नहीं या उनको पूरी उम्मीद है जब ५ से इतना हुआ तो ७ और ९ से और क्या क्या हो सकता है । 

इस बीच लोगों ने ऐसा आरोप भी लगाया है कि सोशल मीडिया देश के लिए कुछ नहीं कर रहा । सोशल मीडिया के कर्णधारों से ये नहीं सहा गया । उन लोगों ने अगले चुनावों से लेकर बड़े से बड़े आतंकवादी का फैसला चुटकी बजाते कर दिया । आप इनको अगली बार प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं । हाँ के लिए लाइक और ना के लिए कमेंट करें । और सहमत हों तो शेयर करें । ऐसी फोटो पर भी लाखों कमेंट और लाइक  । हज़ारों शेयर भी । और एक भारत का चुनाव आयोग है , इत्ते पैसे खर्च करता है । 

ऐसे ही एक आतंकवादी की फोटो पर एडिट करके जूता बना दिया और , और बोला लाइक  = ५ जूते , कमेंट = १० जूते और शेयर = १५ जूते । टोटल ३२. ४ हज़ार लाइक , १६ हज़ार कमेंट और ९ हज़ार शेयर , कुल मिलाकर : 26835000 ( पढ़ के बताओ तो जाने ) जूते जनाब को बैठे ठाले पड़ गए । इतने जूते पड़ने के बाद इंसान का जो भी हश्र हो , मुझे अपनी सरकार पर बड़ा तरस आया कि फालतू में पड़ोसी मुल्क की सरकार को सबूत पर सबूत दिए जा रही है । मामला यूं निपटाना था ना  ।

इसी तरह के ना जाने कितनी समस्याएं कमेंट-लाइक-शेयर के फलदायी तूफ़ान ने यों ( चुटकी बजाते हुए ) बोले तो यों ( फिर से चुटकी बजाते हुए ) हासिल की हैं । भविष्य में युद्ध इसी टाइप से लड़े जा सकते हैं । जो एक साइड का समर्थन करते हैं वो लाइक करें और जो दूसरी साइड को वो कमेंट करें । और जो केवल मजा लेना चाहते हैं वो शेयर करें । पता चलता सबसे ज्यादा शेयर उत्तर प्रदेश से आ रहे हैं । यहाँ के लोगों का तो काम ही मजा लेना है । ऐसे घमासानों  में ना जाने कितने घायल होकर पोस्ट करना बंद कर देते हैं । कई लापता की भांति गायब हो जाते हैं या उनकी प्रोफाइल फेसबुक ब्लॉक कर देता है छिछोरी हरकतों के चलते । 

The world has confused itself so much that for the simplest solution which is at hand, it's going for a longer route. बोले तो बगल में छोरा और शहर में हालाडोला । 

बाकी यही सब चल रहा है आजकल , आगे भी चलता रहेगा ।  सर्दी है ही वो बात अलग है  । वैसे आपका क्या मानना है ? ये जो बकवास मैंने ऊपर लिखी है वो कैसी है : अपनी राय देने के लिए कमेंट ( सहमत) , लाइक ( पूर्णतया सहमत)  और शेयर ( माइंड ब्लोइंग टाइप ) कर सकते हैं । 

फिर मिलेंगे !!!

आप सबको क्रिसमस की बधाई ।

नमस्ते !!!

शनिवार, 19 दिसंबर 2015

निर्भया तुम मरने लायक ही हो !!!

तुम्हारा नाम ज्योति था , पर हमारे यहाँ तुम निर्भया ही हो । वही रहोगी । तुम्हे ज़बरदस्ती शहीद बनाकर पूजनीय बनाकर अपना पल्ला झाड़ लिया गया है  । ये चलता है अपने यहाँ । देखती हो ना उस बिना बाल के चश्मा लगाए ईमानदारी की प्रतिमूर्ति को , हर ऑफिस की दीवारों से लेकर नोट पर उसकी फोटो है और उन्ही फोटो के नीचे उन्ही नोटों के साथ हम ईमानदारी की मैय्यत निकाल देते हैं । हम सुधरने वाले नहीं है । तुम दिल्ली में मारी गयी , हल्ला हो भी गया । ना जाने कितनी और कहाँ मारी जाती होंगी , किसी के कान में जूं ना रेंगती होगी ।

तुम्हारे नाम को लेकर १५ तो सुझाव दिए गए । तुम्हारे माता-पिता में वो साहस है कि उन्होंने तुम्हारा नाम बता दिया । तुमको मारने वाले का नाम हम आजतक गेस करते हैं  , हम उस हद तक कायर हैं ।

तुम्हारी मौत पर सबने खूब रोटियां सेंकी थी । इंडिया गेट पर जम के बवाल कटा था । जनता, पत्रकार , नेता सब । जो धरने पर बैठ गए थे वो एक बेसिरपैर की बहस लेकर दूसरे से जवाब मांग रहे हैं । दूसरे जिनपर कानून बनाने का ज़िम्मा है , पहले के सवालों को खारिज कर रहे हैं । तुर्रा ये कि लोकसभा में तो हमने पास कर दिया राज्यसभा में बहुमत नहीं है । किसानों की ज़मीने लेने के लिए आर्डिनेंस ला सकते हैं । तुम्हारे लिए नहीं । सरकार कहीं स्वच्छंद ना हो जाए इसलिए राजयसभा में उसे अल्पमत में रहना लोकतंत्र के लिए अच्छा बताने वाले लोग ही मोमबत्ती लिए जुलूस निकाल रहे थे ।

और उस हंगामे की कवरेज करने वाला मीडिया जो घड़ों आंसू बहाये पड़ा था , किन किन बकवास पर घंटे घंटे डिबेट चला रहा है , तुम्हारे लिए १५ मिनट का बस एक स्लॉट है । उसी में खुश रहो । कल तक  थर्मामीटर लिए जगह जगह सहिष्णुता - असहिष्णुता नापने वाला यही मीडिया , पुरस्कार लौटाने वाले बुद्धिजीवी , उनका विरोध करने वाले देशभक्त सबके सरोकार आज बदले हैं । आज देशभक्ति सिर्फ किसी फिल्म का विरोध करने पर निकल रही है । बुद्धिजीविता सरकार को कोसने में । तुम्हारे लिए सबके मुंह पर ताले हैं । तुम अब TRP नहीं रहीं ना । तुम्हारे ऊपर बनी एक डॉक्यूमेंट्री को तुम्हारी खबर से ज्यादा तवज्जो दी जाती रहेगी ।

और हम "दबी-कुचली" होने का सुख लेने वाली जनता जो ये कहकर हर बात पर मट्ठा दाल देते हैं कि हम कर ही क्या सकते हैं , आज ५-७ मिनट आह ओह करेंगे । और लग जायेंगे तेरे नेता की शर्ट मुझसे ज्यादा काली है करने । और तुम बस बैठी देखना ।

कल १९ है । तीसरी जमात वाले कल कोर्ट जाने वाले हैं । सुबह होते ही तुम भुला दी जाओगी । देख लेना ।

तुम मरने लायक ही हो । 

मंगलवार, 8 दिसंबर 2015

पनीर मेथी मसाला

डिस्क्लेमर : ये पहली रेसिपी लिखने की कोशिश है । खाकर बेहोश होने या स्वाद अच्छा ना आने पर दी गयी गाली को मैं एक्सेप्ट नहीं करूंगा । :) :)

और रेसिपी केवल दो लोगों के लिए है । इसे पानी मिलाकर , ५-७ लोगों के लिए भी किया जा सकता है । थोड़ा नमक - मिर्च मिलाना पड़ेगा । खाने - खिलाने की ज़िम्मेदारी फिर भी आप की ही होगी ।

सामग्री : 

१. १०० ग्राम पनीर ।
२. २५० ग्राम हरी मेथी ।
३. २ मझले साइज के प्याज़ ।
४. ४ मझले साइज के टमाटर ।
५. ५ ग्राम अदरख ।
६. ३-४ फांक लहसुन ।
७. आधा कप क्रीम ।
८. गरम मसाला ।
९ . नमक टेस्टानुसार ।
१० . पिसी लाल मिर्च औकातानुसार ।
११. कुकिंग आयल ।
१२. २ चम्मच जीरा ।


बनाने की विधि : 

आसान ही है । बैचलर्स के लिए इसे थोड़ा बहुत ट्वीक करके भी बताये जाने की कोशिश रहेगी ।

सबसे पहले करी बनाने का जुगाड़ करते हैं ।

इसके २ तरीके हैं ।

एक : मिक्सी में प्याज़, टमाटर, लहसुन और अदरख को पीस लो । पाने जितना काम डालना पड़े उतना बढ़िया । बैचलर्स के लिए बेस्ट रहता है ये तरीका ।

दूसरा  : प्याज़ , टमाटर , लहसुन और अदरख को बारीक काटकर रख लें । एक पैन में आयल डालें । चूल्हा जलाना कतई ना भूलें । जब तेल गर्म हो जाए , तो एक चम्मच जीरा डालकर उसे चटकने दें । फिर इसमें बारीक कटा हुआ लहसुन और अदरख  डालें और लहसुन के हल्का  हल्का भूरा होने पर  प्याज़ डालकर ढक दें ताकि प्याज़ गलने लगे । थोड़ा नमक भी डाल सकते हैं इससे प्याज़ जल्दी गलेगा , ऐसा कुछ विद्वानों का मानना है । जब प्याज़ हलकी सी गलने लगे तो टमाटर डालकर मिश्रण को ढक दें । मिश्रण को धीमी आंच पर पकने दें  । इस काम को फटाफट करने के लिए मिश्रण को प्रेशर कुकर में भी पकाया जा सकता है । १-२ सीटी से काम चल जायेगा । सारा मिश्रण घुल मिल जाना चाहिए ।

अब मेथी का मोर्चा सँभालते हैं ।

मेथी पत्त्यिों को अच्छी तरह धोकर काट लें । पैन में हल्का तेल डालकर गर्म करें । फिर हल्का जीरा डालकर चटकाएं और मेथी पत्तियां डाल दें । किचन में हल्का धुंआ खुशबू  भरने दें इससे माहौल बनता है हाँ | अगर घर में स्मोक डिटेक्टर है तो ध्यान रखें , वर्ना लेने के देने पड़ जायेंगे और माहौल फायर ब्रिगेड बनाएगी ।

थोड़ी देर में  पत्तियां पानी छोड़ने लगेंगी और डाली गयी क्वांटिटी का लगभग एक चौथाई दिखेंगी । अब इसमें ऊपर तैयार की गयी करी डालें । नमक , मिर्च और स्वादानुसार गरम मसाला मिलाएं । मिश्रण को हल्की आंच पर चलाते रहें । थोड़ी देर में मिश्रण से तेल अलग होता सा दिखेगा ।  आधा से एक कप पानी मिला लें । ताकि ग्रेवी बन जाए ।

अब इसमें क्रीम मिला दें (अगर क्रीम नहीं है तो एक कप दूध को पैन में गाढ़ा कर के हाफ कप बना लें और ठंडा करके काम चलाया जा सकता है ) । थोड़ा सा और पकाएं मिश्रण को ।

पनीर-मेथी-मसाले की मसालेदार फोटो !!!
अब इसमें पनीर के आड़े टेढ़े जैसे भी पीस काट पाएं,काटकर डाल  दें । पनीर को हल्का भूना भी जा सकता है डालने से पहले ।


५ मिनट ढक  कर पकने दें ।

और जैसा तमाम रेसिपी बुक में लिखा होता है "गरमागरम परोसें" ।  :) :) :)

ऊपर का डिस्क्लेमर ज़रूर पढ़ लें , बनानें से पहले :) :) :)

नमस्ते !!!


-- देवांशु