आज सुबह माताश्री ने कल के बचे कोफ्ते के मटीरियल से फिर से कोफ्ते बनाये और हमने दबा-दबा के खाए | कोफ्ते का शेप चिकन नगेट्स की तरह दिखा…हमें लगा की कोफ्ते को अंग्रेज़ी में नगेट्स कहते होंगे, सोचा विद्वजनों से भी पूछ लिया जाए, सटा दिए फेसबुक पर :
“कोफ्ते को अंग्रेजी में का कहते हैं भाई ??? Nuggets ???”
विद्वजनों ने अपने विचार भी रखे :
अतुल जी ने इंकार कर दिया की उन्हें नहीं पता, उलटे उन्होंने “कोफ़्त" की अंग्रेजी पूछ मारी | हमें बड़ी “कोफ़्त" हुई |
आराधना जी का कहना था की नगेट्स “मुन्गौडी” को कहते हैं | दो दिन पहले ही आलू-मुन्गौडी की सब्जी खाई गयी थी | मन किया समर्थन कर दिया जाए |
मोनाली ने चैट में और शिवम् भाई ने स्टेटस पर कोफ्ते का विकी पेज शेयर कर दिया | अंग्रेजी नाम वहां भी नहीं मिला | मोनाली का ये भी कहना था की कोफ्ते को “कटलेट” या “वेजिटेबल बाल्स” कहते हैं, कुछ भी बताया जा सकता है | ४ लोगो ने इसे लाइक भी किया |
पंकज साहब का अमरीका से कहना था की “कोफ्ता आलू की तरह मसाला नहीं होता” इस लिए उसकी अंग्रेजी नहीं होती | पर मटर की तरह कोफ्ता एक सब्जी होती है इसलिए अंग्रेजी तो बनती है भाई इसकी, पंकज बाबू आप चाहे मानो या ना मानो |
गुडगाँव से सोनल जी का कहना था की वो अंग्रेजी तब बतायेंगी जब हम उन्हें कोफ्ते खिलाएंगे |
इन्ही बातों के बीच में पंकज और सोनल जी के बीच हुए वार्तालाप से ये भी पता चला की बिंगो को अंग्रेज़ी में “ओ तेरी" कहते हैं |
मोनाली की ही तरह शिखा जी का लन्दन से ये कहना था की इसे “बाल्स" कह सकते हैं | हमने उन्हें चैट पर पूछा “कोफ्ते बोले तो बाल्स , बाल्स बोले तो गेंद, माने की कोफ्ते से क्रिकेट खेला जा सकता है |”
उन्होंने बोला , हाँ और वैसे भी हमारी टीम यही तो खेल रही है आजकल |
आइडिया बढ़िया लगा हमें , कोफ्ते से क्रिकेट | भाईसाहब | सोचो कमेंट्री कैसी होती :
- ज़हीर खान को नया कोफ्ता सौंपा गया है | एक लम्बे रन-अप के साथ वो कोफ्ता लेकर चले | साईट-स्क्रीन में कुछ प्रॉब्लम | अम्पायर ने उन्हें कोफ्ता फेंकने से रोका | ( ऐसा लगता अम्पायर को कोफ्ता पसंद है और वो खा जाने के मूड में है)
- जैसे जैसे कोफ्ता पुराना होता जायेगा, वो घूमेगा |
- प्रज्ञान ओझा ने बहुत बढ़िया कोफ्ता फेंका | (इतना बढ़िया कोफ्ता था तो फेंका क्यूँ??? }
अब तो कमेंट्री भी हिंदी में आ रही है टीवी पर | इस तरह की कमेंट्री और भी मजेदार लगती | सिद्धू पाजी बोलते : “कोफ्ता हवा में उछल कर इतना ऊपर गया गुरु की ऊपर बैठी एयर-होस्टेस की प्लेट में गिरा, और उसने अपने हाथों से वापस फेंका, खटैक”
अरुण लाल कहते “जी हाँ मनिंदर, मुझे भी समझ नहीं आता धोनी इस समय नया कोफ्ता क्यूँ नहीं ले रहे हैं, पुराना इस्तेमाल करते हुए ८० ओवर से ज्यादा हो गए हैं”
कुछ शब्दों के मीनिंग कैसे हो जाते :
नो बाल : नही कोफ्ता
वैलिड बाल : हाँ!!! कोफ्ता!!!
डेड बाल : मर्तुला कोफ्ता
वाइड बाल : चौड़ा कोफ्ता
बाल टेम्परिंग : कोफ्ते के साथ छेड़-छाड़ बोले तो “ईव-टीजिंग”
इंग्लैंड टीम के कप्तान का नाम भी तब ठीक लगता “कुक" | “कुक ने अगला ओवर फेंकने के लिए स्वान को कोफ्ता थमाया ( और स्वान कोफ्ता खा गया ) |
शाहिद अफरीदी को कोफ्ते खाने के चक्कर में दो मैचों का प्रतिबन्ध झेलना पड़ता |
ना केवल क्रिकेट , बल्कि और भी खेलों में कोफ्तों का इंतज़ाम रहता | फुटबाल के कोफ्ते बड़े बड़े होते | लातिआये भी जाते | स्नूकर के कोफ्ते रंग-बिरंगे होते | टेनिस के कोफ्ते स्पोंजी होते |
वैसे अगर कोफ्तो को गेंद बोलते तो ज्यादा फर्क नहीं पड़ता | “लौकी की गेंद” , “मलाई की गेंद" | ठीक ही रहता |
क्रिकेट से ध्यान आया कि अपनी टीम की हालत काफी पतली हो गयी | इंग्लैण्ड ने घर पर आके हमें धोया है | हमारी टीम के लिए पिच घूम रही थी (ऐसा तो १०-१२ पेग के बाद होता है ), और अँगरेज़ टीम के “कोफ्ते" घूम रहे थे | सारा खेल घूमने का है |
क्रिकेट के भगवान कहलाने वाले सांसद सचिन तेंदुलकर साहब भी आजकल सवालों के कटघरे में है | उनकी फॉर्म चली गयी है | लोगो का कहना है की रेफ्लेक्सेस भी काम नहीं कर रहे हैं | उन्हें अब रिटायर हो जाना चाहिए | ऐसा ही कुछ पोंटिंग साहब के लिए भी कहा जा रहा है जिनकी नाक में दम साउथ अफ्रीका के “कोफ्ता"बाजों ने कर रखा है |
खैर वो सब बड़े लोग हैं, अपने हिसाब से देखेंगे, हमारी थोड़े ही सुनेंगे |
इस बीच खबर ये भी आयी है की अपने अनूप शुक्ला जी जिन्हें फुरसतिया के नाम से जाना जाता है ने क्रिकेट का बल्ला थाम लिया | अरे बा-कायदा फोटो भी लगा दी उन्होंने | उनसे परमीशन लेकर यहाँ चिपका दे रहे हैं , आप भी देखो :
यहाँ दो बातें गौर करने वाली हैं | एक तो अनूप जी ने सचिन को खुल के “चैलेंजिया" दिया है | की अब हम मैदान में आ गए हैं , फॉर्म संभालो वर्ना प्रोपर रिप्लेसमेंट रेडी है | हम ये बात बोले तो अनूप जी लाइक कर के चले गए कुछ बोले नहीं |
और दूसरी बात ये है की भारतीय टीम की जीत के लिए एक नया तरीका भी बता दिया है इस फोटो में , ४ स्टम्प्स का विकेट | शायद अब तो हमारे “कोफ्ते" विकेट पर लग जाएँ |
हमारे कैप्टन कूल को इस सुपर कूल तरकीब की तरफ ध्यान देना चाहिए | शायद जीत जाएँ |
बस यही सब चल रहा है आजकल | बाकी सब भी चलता रहेगा , अब हम भी चलते हैं | खाना-वाना खा लिया जाए |
आप भी मौज करते रहिये ….
नमस्ते !!!!