शनिवार, 9 जून 2012

इश्क और फेसबुक

 
आज सुबह हम अपने एक बहुत घनिष्ठ मित्र से “चैटिया” रहे थे, घनिष्ठ बोले तो एकदम "घणे"।
मैं : "कैसे हैं महाराज?"
वो : "एक दम दनादन"
मैं : "वाह ये तो बढ़िया स्टेट है?"
वो : "हाँ!!!"
मैं : "तो आजकल किस कन्या के पीछे पड़े हो?"
वो : "यार है एक, सोच रहा हूँ फेसबुक पे फ्रैंड रिक्वेस्ट भेज दूं"
मैं : "हम तो पहले से ही ताड़ गए थे बेट्टा , कुछ गड़बड़ है, काहे की तुम जैसा इन्सान जो इनविजिबल रहता है ,आज हरी बत्ती जलाये, विडियो चैट ओन किये बैठा है "
वो : "अमा तुम तो यार, खैर जाओ अब हमें कन्या को टार्गेट करने दो"
 
हम समझ गए कि हमने सही ताड़ा , हम अब "ताड़नहार" हो गए हैं ।तभी हमें एक धाँसू ख़याल आ गया "प्यार का पहला और आखिरी कदम फेसबुक है" । तड़  से डाल दिए फेसबुक पे । पटापट लोगो ने लाइक  किया । हम समझ गए लोग काफी "अनुभवी" हैं इन सब मामलों में"। Smile Smile 
 
हमने आगे अपने दोस्त से पूछा की हमारी होने वाली भाभी जी का प्रोफाइल लिंक भेजो , हमारा भी अप्रूवल ज़रूरी है । उन्होंने भेज भी दिया। हमने प्रोफाइल देखी तो प्रोफाइल फोटो से कुछ क्लियर नहीं हो रहा था और कवर फोटो में 5 लड़कियां थीं (दो तो हमें भी पसंद आ गयी, मन किया हम ही फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज डालें, फिर दोस्ती की हिप्पोक्रेटिक ओथ याद आ गयी , इसलिए रुक गए )।
 
हमने कई बार नोट किया है की लड़कियां अपनी प्रोफाइल या कवर फोटो अकेले वाली नहीं लगाती हैं, 2-4 और लोग होते ही हैं । इस बात पे जब और सोचा तो लगा की निम्नलिखित कारण हो सकते हैं इसके :
१.  एक कारण जो सीधा सीधा लगा वो ये की कोई उन्हें एक बार में पहचान न पाए ।
 
२. हो सकता है की घर वालों का "फैमिली प्रेशर" हो कि अपनी फोटो नहीं डालोगी । इस तरह की फोटो डालकर वो ये कह के बच जाती हैं कि  देखो मैंने कहाँ "केवल" अपनी फोटो डाली है । बबिता, साधना, हेमा, जया भी तो हैं ।
 
३.  हो ये भी सकता है की वो कोई ऐसी फोटो लगाती हों जिसमे वो बाकी सबसे ज्यादा खूबसूरत (कम से कम खुद को तो ) लग रही हों, जिससे कोई पूछे की इनमे से तुम कौन हो तो कह सकें "वही जो सबसे खूबसूरत दिख रही है"।
 
अच्छा ये तो हुई फालतू की बात , मुद्दे की बात पे आते हैं । हमने अपने दोस्त से पूंछा की अबे इनमे से कौन है तो बोले "बांयें से पांचवी"। पर फोटो में तो ५  ही हैं , दायें से पहली क्यूँ नहीं बताई । फिर लगा बेचारा "गर्लफ्रेंडव्रता" होगा । सीधे नाम क्या, फोटो में भी  इशारा नहीं कर सकता ।
 
हमने उन्हें "आल दा बेस्ट" बोला । आने वाले "चैलेंजेस" के बारे में छोटा सा भाषण दिया, जो १५ मिनट का था । और उनसे रुखसत हुए ।
 
दरसल ये प्यार और फेसबुक का रिश्ता काफी गहरा है । कितनी ही प्रेम कहानियां यहाँ बनी होंगी । लोगो का कहना है कि सोशल नेटवर्किंग के आने से प्यार-इश्क का माहौल परवान चढ़ रहा है । कुछ लोग तो इसी चक्कर में सोशल नेटवर्किंग के विरोध में आ गए हैं । क्या पता आमिर खान को आने वाले टाइम में सोशल नेटवर्किंग के सपोर्ट में सत्यमेव जयते का एक आध  एपिसोड भी करना पड़े Smile
 
हमें लगता है कि  सोशल नेटवर्किंग के आने से प्यार में "कम्पटीशन" बढ़ गया है । पहले "वन-साइडेड" लवर्स की रेंज एक - दो मोहल्ले,  स्कूल-कॉलेज तक होती थी । आज मामला ग्लोबल हो गया । अचानक से बढे इस कम्पटीशन से हमारे टाइप के लोग हलकान हैं । कल तक अनीता (काल्पनिक नाम ) पर मोहल्ले के बबलू और पिंकू, कॉलेज के अजीत , महेश और सतिंदर (कुछ नाम काल्पनिक, कुछ महा-काल्पनिक) लाइन मारते थे । आज न जाने कहाँ कहाँ से आ गए हैं , 1672 तो कुल जमा दोस्त हैं फेसबुक पे अनीता के, जिसमे, 1523 मेल । खुद अपना नाम उसकी फ्रेंड लिस्ट में सर्च करने जाओ तो केवल डी से शुरू होने वाले 128 फ्रेंड है ।  जिसे देखो वो उसे "गुड-डे" "गुड-नाईट" की पोस्ट में टैग कर रहा है । साला समझ ही नहीं आता की हो क्या रहा है । परसों उसने लिखा "नेट कनेक्शन डाउन है" । सौ से ऊपर तो लाइक आ गए । कुछ तो पूंछने लगे कहाँ, कब, कैसे, क्यूँ कितना, किसका । ये भी तक न समझे जब कनेक्शन डाउन है तो उसने पोस्ट कैसे किया । और अगर कर भी दिया मान लो कैसे भी तो, अब जवाब देने के लिए भी बैठेगी क्या? और अगर यही करना था तो उसने "नेट कनेक्शन डाउन है" का पोस्ट ही क्यूँ किया ???
 
इन्ही सब लफड़ों को ध्यान में रखकर फेसबुक के मालिक ने पहले गर्लफ्रेंड बनाई थी बाद में फेसबुक, या ये कहें फेसबुक बना भी था इन्ही लफड़ों के बाद Smile Smile Smile
 
वैसे फेसबुक मैनेज करना भी आसान नहीं है । बड़े बड़े लोग इससे अक्सर छेड़-छाड़ करते रहते हैं । कुछ लोग घर जाते हैं तो "वाल" को अपने साथ ले जाते हैं । कुछ जब देखो तब "वाल" गायब कर देते हैं ।
 
अभी सुनने में आया है की कम्पनियाँ अपने एम्प्लोयी के फेसबुक अकाउंट मोनिटर करने जा रही हैं । ये काम तो मेरे पहचान के एक मैनेजर ने बहुत पहले किया था । वो बहुत फ्रेंडली थे । सबने उन्हें फ्रेंड लिस्ट में एड  कर लिया । अब सबको ऑफिस में फेसबुक खोलने में भी डर लगता है|
 
वैसे प्यार बनाम फेसबुक में जीत हमेशा मोबाइल सर्विस प्रोवाईडर्स की होती है । मामला अन्तर्राष्ट्रीय होने पर बाजी "स्काइप" मार ले जाता है । :) :) :)
 
ये कहानी बहुत लम्बी है फिर कभी बताएँगे अभी मन नहीं कर रहा ।पर  जाते-जाते आपको  एक कालजयी शेर ज़रूर  सुना देते हैं :
 
उन्होंने गरियाया हमें हमारी ही वाल पे, उनकी इनायत है ,
कभी हम उसपे आये कमेंट्स, तो कभी लाइक्स को देखते हैं ।
 
अब आप हमें कमेंट्स में न गरियाना  :) :)
 
नमस्ते !!!!

40 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत जलवेदार पोस्ट है। सुबह की हवा की तरह ताजी/रिफ़ेसिंग। जलवेदार। भगवान आपको सब कन्याओं के फ़ेसबुक स्टेटस में सबसे ऊपर रखे। :)

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. :) ये विश तो हमारी भी है :)

      पोस्ट को चर्चा में शामिल किया, थैंक यू है जी !!! :) :) :)

      हटाएं
  2. कल तक अनीता (काल्पनिक नाम ) पर मोहल्ले के बबलू और पिंकू, कॉलेज के अजीत , महेश और सतिंदर (कुछ नाम काल्पनिक, कुछ महा-काल्पनिक) लाइन मारते थे ।

    अब तुम हमें मत भरमाओ हम जान गए कि ये काल्पनिक नाम नहीं है. और कल्पना नाम के साथ तुमने को छेड़ छाड़ की है वो भी पता चल गया.

    ----

    यार फेसबुक पर तो मैं भी ज्यादा नहीं रहता. मेरा मन नहीं लगता वहां. कभी कभार आ कर दोस्तों को देख लिए करते हैं :)

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. इसे कहते हैं पारखी नज़र !!!!
      वैसे नाम में क्या रखा है, अनीता हो या कुछ और :-)

      हटाएं
  3. वाह क्या बात है क्या बहुत खूब लिखा है आपने :-):-)

    जवाब देंहटाएं
  4. पुराने दिनों में फेस से इश्कबुक भरती थी, अब इश्क से फेसबुक भरा जाता है |
    लिखा बहुत सॉलिड है आपने |

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. जीवन में इश्क भरपूर रहना चाहिए, फेसबुक तो आती जाती रहने वाली चीज़ें हैं :-)

      आपको पोस्ट पसंद आयी, शुक्रिया :) :) :)

      हटाएं
  5. इस पोस्ट में करंट है
    इसे शेयर नहीं करती
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  6. wah...bahut khub likha hai..vartmaaan ka satya kaafi sundar parosha hai....dhanyavaad:-)

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. ये प्यार के लफड़े लोचे होते ही इसी टाइप के हैं , क्या किया जाए :) :) :)

      हटाएं
  7. फेसबुक के कई फायदों में एक ये भी है आपको कहानियों के प्लाट के लिए कहीं नहीं जाना पड़ता सब यही मिल जाते है ..एक वाल से दूसरी वाल पर घूमते हुए ..... :-)

    जवाब देंहटाएं
  8. Nice post ! very interesting way of writing

    जवाब देंहटाएं
  9. सच कहे हो अभिषेक बाबू कम्पटीशन सचमुचवै बहुत बढ़ गया है

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. ये अभिषेक बाबू का भी अलग जलवा है :)

      वैसे हम तो आपकी बात से सहमत हैं कि कम्पटीशन बहुत बढ़ गया है !!!

      हटाएं
  10. पोस्ट वाकई शानदार और काबिल-ए-तारीफ है.
    'ताडनहार' और 'गर्लफ्रेंडव्रता' जैसे नये शब्द इस पोस्ट के माध्यम से सृजित हुए है और मार्केट में आये है....
    बस एक बात ही नही समझ में आ रही है कि काल्पनिक नाम अनीता का वास्तविक्ता में क्या नाम है .....

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. भैया...नाम में वाकई में कुछ नहीं रखा..बाकी सब "ये पब्लिक है सब जानती है"

      हटाएं
  11. एक बार हमें भी फेस्बुकिया क्रश हुआ था पर बाद में वो अंकल कहके,दिल क्रैश करके गोल हो गई...!

    ..एक अभी नई दोस्त अबनी थी.बिना जान-पहचान हुए ही मुझे टैग कर दिया.मैंने सन्देश भेजा...मुझे यह सब पसंद नहीं है,बस वो भी गोल हो गई !

    ...भाई हमें तो लिखने-पढ़ने वाली बिरादरी ही सूट करेगी,बाकी लोग तो शूट करने पे आमादा हैं !

    ...हाँ,आपका वार्तालाप धाँसू है !

    जवाब देंहटाएं
  12. एक बार हमें भी फेसबुकिया क्रश हुआ था पर बाद में वो अंकल कहके,दिल क्रैश करके गोल हो गई...!

    ..एक अभी नई दोस्त बनी थी.बिना जान-पहचान हुए ही मुझे टैग कर दिया.मैंने सन्देश भेजा...मुझे यह सब पसंद नहीं है,बस वो भी गोल हो गई !

    ...भाई हमें तो लिखने-पढ़ने वाली बिरादरी ही सूट करेगी,बाकी लोग तो शूट करने पे आमादा हैं !

    ...हाँ,आपका वार्तालाप धाँसू है !

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. संतोष जी , ये तो गज़ब अनुभव है !!!
      और टैगिंग वाला लफड़ा तो हमें भी पसंद नहीं , फेसबुक को इसे हटा ही देना चाहिए :)

      हटाएं
  13. वाह ... कितने कितने फायदे फेसबुक के ... पता नहीं मैंने क्यों नहीं खोला खाता अभी तक ...

    जवाब देंहटाएं
  14. ग़दर ! :)
    वैसे इ मिसिर जी आपको अभिषेक बाबु काहे कह गए हैं. ? काहे सड़क छाप नाम से पुकार रहे हैं तुम्हे :)

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. मालिक..हम तो खुश हुए पड़े हैं कि हमें अरविन्द जी ने अभिषेक बाबु बोल डाला :)

      अब तो वाकई में शानदार पोस्ट है ये :)

      हटाएं
  15. वाह....................
    मान गए आपकी लेखनी को...................बेहद रोचक.............

    अफ़सोस कि हमने कभी FB अकाउंट क्यूँ नहीं खोला :-(

    :-)

    अनु

    जवाब देंहटाएं
  16. शुक्रिया यशवंत जी पोस्ट को शामिल करने के लिए !!!

    जवाब देंहटाएं
  17. @उन्होंने गरियाया हमें हमारी ही वाल पे, उनकी इनायत है ,
    कभी हम उसपे आये कमेंट्स, तो कभी लाइक्स को देखते हैं ।

    खुदा खैर करे,
    आज तो इश्किया को औकात दिखा कर रख दी.

    जवाब देंहटाएं
  18. Social Networking sites k chalte kai jeevan barbaad huye.. un me se ek hamara Lucky bhi h :P
    Badhiya post for a change ;)

    जवाब देंहटाएं