सोमवार, 6 अगस्त 2012

दोस्त…

 

सीन-१

तीन दोस्त, गोवा की एक टूटी सी दीवार, जिसके दूसरी ओर समन्दर है, पर बैठे हुए समंदर की  ओर देख रहे हैं | एक जहाज दिख रहा है | तीनो कुछ बातें करते हैं |  आने वाले वक्त की बातें | दुबारा गोवा आने की बात होती है | एक कहता है कि हर साल आना चाहिए | दूसरा भी कहता है कि ज़रूर आना चाहिए | तीसरा सोचता है कि पता नहीं मिल पाए या नहीं, गोवा आना तो दूर की बात है  | तीनो दीवार से उतरते हैं और मजाक करते हुए चले जाते हैं|

लड़ झगड़ कर भी तीनो साथ रहे क्यूंकि तीनो दोस्त थे  !!!!

सीन-२

कॉलेज की कैंटीन | ५-६ दोस्त | हाथ में किताबें नहीं | ना बीते कल पर शिकवा न आने वाले कल की चिंता | एक टीवी लगी हुई है वहाँ पर, जिसके चैनल टीवी को झापड मार कर बदले जाते हैं | एक दोस्त कविता करता है , हाथ देखता है | दो टेनिस की बाल पटक पटक कर एक दूसरे की तरफ फेंक रहे हैं | बाकी कुछ खा रहे हैं , टीवी पर कैट वाक करती मोडेल्स को देख कर “लेफ्ट राईट लेफ्ट” कर रहे हैं | एक दम बेफिकरे !!!

ज़िंदगी में तूफ़ान आ गया सभी की, साथ कुछ ऐसा कर गुज़रे जो करना आसान नहीं था | पूरे समाज के दकियानूसी ख्यालों के परखच्चे उड़ाकर ऐसा तमाचा मारा कि सबकी आँखें न केवल खुली रह गयी बल्कि डबडबा गयी | और वो ऐसा इसलिए कर पाए क्यूंकि वो दोस्त थे !!!!

सीन-३

एक दोस्त की बोर्ड पर है, एक ड्रम पर | एक गिटार बजा रहा है और गाना भी गा रहा है | पर गाने में कुछ कमी है | पर क्या?? कोई नहीं जानता उन तीनो के अलावा | चौथा दोस्त कार में है, कहीं दूर  | जिस तरह से चारों कि ज़िंदगी बीती है उसके हिसाब से चौथे दोस्त को थोड़ी देर में रवाना होने वाले जहाज़ में होना चाहिए और ये ज़रूरी भी है उसके परिवार के लिए | पर वो स्टेज पर जाता है | बाकी तीनो भी पागल हो उठते हैं | लाइफ का मजा आ जाता है |

वो चारों दोस्त थे !!!!

सीन-४

नहीं पता कि तीसरा दोस्त कहाँ है | एक ने हवाई जहाज की इमरजेंसी लैंडिंग कराई, एक अपनी पैंट तक छोड़ कर भागा | रस्ते में तीसरे दोस्त की गर्लफ्रेंड को उसकी शादी से उठाया | और ढूँढते हुए पहुँच गए तीसरे के पास | लात घूँसा मार कर गले लग गए |  बाकी सारी बातें बेमानी हो गयी |

वो तीनो भी दोस्त थे!!!!

****

दरसल दोस्ती की कोई शर्त नहीं होती | दोस्ती में कोई बाउंडेशन भी नहीं होती | दोस्ती बहती नदी सी होती है |

मैं बहुत लकी हूँ, मेरे बहुत से दोस्त हैं |  ज्यादातर दोस्त मेरे स्कूल या कॉलेज से हैं | वो मुझे जानते हैं | कुछ बाद में बने | कुछ तो ऐसे हैं जिनसे मैं मिला भी नहीं कभी | बस नाम की तरह जानता हूँ या किसी किसी की आवाज़ भर सुनी है | बीती ज़िंदगी में वक्त-बेवक्त इन सबकी ज़रूरत पड़ती रही है | जो जैसे काम आ सका है, आया है |

जानता हूँ आगे भी तुम सबकी ज़रूरत पड़ेगी | और ये भी जानता हूँ कि तुम सब फिर मेरे साथ होगे |

तुमपे भरोसा है दोस्तों!!!!!

Dedicated to all my friends, wishing you all a very Happy Friendship Day!!!!!

(ऊपर जिन ४ फिल्मों का ज़िक्र है वो मेरे काफी सारे दोस्तों की पसंदीदा हैं, उनके साथ बैठकर कई-कई बार इन्हें देखा भी है)

-- देवांशु

9 टिप्‍पणियां:

  1. ...दोस्त कम हों,अच्छे हों,आनंद मिलता है.

    आप भाग्यशाली हैं,इत्ते सारे दोस्त अच्छे मिले हैं !

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  2. बढिया किस्से हैं दोस्ती के। हम तो केवल आखिरी वाले से परिचित हैं। दोस्ती मुबारक हो!

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  3. be tum bhi koi kam thode hi ho.. Shekharwa ka naya version banne ki kagaar pe ho :P.. wo FB pe tag kar k thank u bolta h to kya gunaah karta h.. :-/

    P.S. : Shekhar naamak prani kripya apne naam ko gaali ki tereh istemaal karne pe bhaavuk na ho jayein ;)

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  4. be tum bhi koi kam thode hi ho.. Shekharwa ka naya version banne ki kagaar pe ho :P.. wo FB pe tag kar k thank u bolta h to kya gunaah karta h.. :-/

    P.S. : Shekhar naamak prani kripya apne naam ko gaali ki tereh istemaal karne pe bhaavuk na ho jayein ;)

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  5. ई शेखरवा त खुद्दे नौटंकी है रे मोनाली..

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  6. और शेखू से बड़े नौटंकी तुम दोनों हो :)

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  7. जो पिछले तीन कमेंट्स की बैकहैंड प्रोग्रामिंग में मेरा सोर्सकोड इस्तेमाल किया गया है, उसका बहुत बहुत धन्यवाद... बाकी हम क्या कहें हर नौटंकी को दुसरे लोग नौटंकी नज़र आते हैं....
    --

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  8. ससुरे सब शीशा देख रहे हो का??? जो नौटंकी-नौटंकी चिल्लाय रहे हो :P

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